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सेमाडोह मेलघाट में आंदोलन को लेकर हमने भैयालाल मावस्कर जी से बात की है उन्होंने बताया कि क्यों यह आंदोलन हो रहा है पिछले 3 महीने पहले भी आंदोलन हुआ था
सेमाडोह 25 दिसंबर को रास्ता रोको आंदोलन, रंगूबेली में 18 तारीख को हुई एक बैठक में निर्णय हुआ है कि 25 दिसंबर 2023 को सेमाडोह में रास्ता रोको आंदोलन किया जाएगा। पिछले आंदोलन की मांगों का पूरा नहीं होना एक मुख्य विषय बना है।
महाराष्ट्र, अमरावती जिले के मेलघाट इलाके में जो सबसे बड़ी समस्या है रास्ता, बिजली, शिक्षा, और स्वास्थ्य। यहां के लोग, जो अधिकांशत: आदिवासी हैं, खराब रास्तों के कारण परेशानी का सामना कर रहे हैं। इस क्षेत्र में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की कमी ने लोगों को अपनी ज़िन्दगी को जीने में मुश्किलें पैदा की हैं।
बिजली: बिजली की अधिकता भी एक और महत्वपूर्ण समस्या है। विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत सुप्लाई में अस्तित्व की कमी ने लोगों को उच्चतम शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बाधित कर रखा है।
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तहसीलदार द्वारा लिखित में लेने के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने से नाराज आंदोलन कारी एक बार फिर से रास्ता रोको आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। सरपंच संघटना के द्वारा पिछले आंदोलन का संचालन किया गया था,
मेलघाट में नेटवर्क की समस्या: वन क्षेत्र के 118 गाँव। मेलघाट के आसपास कई गाँव ऐसे हैं जो नेटवर्क समस्या एक बड़ा परेशानी का कारण हैं। यहाँ लोगों को सही समय पर सही सूचना नहीं मिलती है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं, अधिकारिक सूचना, और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं का सही से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके परिणामस्वरूप मेलघाट की जनता नेटवर्क की कमी महसूस कर रही है, कि उनके विकास में बड़ी बाधा है, और इससे उनमें आंदोलन की भावना उत्तेजना हो रही है।
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आंदोलनकारी भैयालाल मावस्कर ने बताया है कि आंदोलन की तैयारी जोरदार है और 25 दिसंबर 2023 को सेमाडोह में रास्ता रोको आंदोलन होगा। इस संघर्ष में समस्याएँ जैसे कि अच्छी सड़कें, बिजली, शिक्षा, और स्वास्थ्य पर सही समाधान नहीं मिलने के बारे में आवाज बुलंद की जा रही हैं।
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आंदोलन का उद्देश्य है सरकार से उचित सुविधाएँ मांगना, ताकि समृद्धि और सामाजिक समानता में सुधार हो सके। यह उम्मीद है कि यह आंदोलन समस्याएँ हल करने में सरकार को प्रेरित करेगा और लोगों को बेहतर जीवन की दिशा में मदद करेगा।
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